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Ghar Ki Paresani Chain Se Jine Nahi De Rahi Shahab Shayari

घर की परेशानी चैन से जीने नहीं

दे रहीं शाहब...

और लोग पूछते हैं इतने दुबले पतले क्यों

होते जा रहे हो....

 Sad Sayari 

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