UKG Full Form in Hindi : जानें एलकेजी का फुल फॉर्म क्या है?
UKG Full Form in Hindi : जानें यूकेजी का फुल फॉर्म क्या है?
LKG: Lower Kindergarten
UKG: Upper Kindergarten
LKG की फुल फॉर्म लोअर किंडरगार्टन (Lower Kindergarten) और UKG की फुल-फॉर्म अपर किंडरगार्टन (Upper Kindergarten) होती है।
Full Form Of LKG | Full Form Of UKG |
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Lower Kindergarten | Upper Kindergarten |
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छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक महिना के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। वहीं इस महापर्व का अंत सप्तमी तिथि पर होता है। ऐसे में यह त्योहार 05 नवंबर 2024 से लेकर 08 नवंबर 2024 तक चलेगा।
छठ पूजा एक बहुत ही कठिन व्रत त्यौहार होता है। चार दिवसीय छठ पूजा में लोग अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि, बच्चों की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। इस त्यौहार में सूर्य की डूबते और उगते पूजा की जाती है जिससे हमें जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। छठ पूजा में लोग बहुत सारे नियमों का पालन करते हैं। छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाई जाती है। लोग अपने परिवार की खुशहाली के लिए यह व्रत रखते हैं।
छठ पूजा में ठेकुआ, मालपुआ, चावल के लड्डू, फलों और नारियल का प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है। सबसे पहले ये सारी प्रसाद सूर्यदेव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है।
आप सभी ग्रामवाशियों को पैराडाइस लक्ष्मी पूजा समिति की तरफ से हार्दिक अभिनन्दन
लक्ष्मी पूजा का यह पवन त्योहार कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन पड़ने वाला वह लोकप्रिय उत्सव है जिसकी सभी को प्रतीक्षा रहती है। इस दिन भगवान गणेश जी और माता लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष महत्व है। धन, संपत्ति, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए भक्त दिवाली की रात शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस पूजा में बहुत सी सामग्रियों की जरूरत होती है। यहां देखें इन सामग्री की लिस्ट।
श्री लक्ष्मी पूजा समिति कचहरी के प्रांगण में,कहुआरा पैराडाइज नवयुवक क्लब (कहुअरा)के सभी सदस्य का लिस्ट निचे है।
गंगाजल मिलाकर स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और इस स्थान पर गंगाजल का छिड़काव कर पवित्र करें। इस चौकी पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित कर लें। सर्वप्रथम विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करें और उसके बाद माता लक्ष्मी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें और श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाये। इसके साथ ही फूल, धुप, दीप, इलायची, सुपारी और भोग आदि आर्पित करें। माता की आरती करके पूजा संपन्न करें।
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